भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हर साल 24 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) के लागू होने की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है।
विषय | विवरण |
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तिथि | 24 दिसंबर |
उद्देश्य | उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके हितों की रक्षा करना |
प्रेरणा | 1986 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का लागू होना |
प्रथम मनाया गया | 24 दिसंबर 1986 |
महत्वपूर्ण कानून | उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 और 2019 |
मुख्य गतिविधियां | जागरूकता अभियान, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, सेमिनार, उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम |
मुख्य थीम (वार्षिक) | हर साल एक नई थीम तय की जाती है (जैसे “सतर्क उपभोक्ता, सशक्त उपभोक्ता”) |
उपभोक्ता अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ने उपभोक्ताओं को निम्नलिखित अधिकार प्रदान किए:

- सुरक्षा का अधिकार: खतरनाक वस्तुओं और सेवाओं से सुरक्षा।
- जानकारी का अधिकार: वस्तु और सेवाओं के बारे में सही और स्पष्ट जानकारी।
- चयन का अधिकार: अपनी आवश्यकता के अनुसार उत्पाद चुनने की स्वतंत्रता।
- शिकायत का अधिकार: उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करने का अधिकार।
- शिक्षा का अधिकार: उपभोक्ता के अधिकारों और उत्तरदायित्वों के बारे में जानकारी।
- सुनवाई का अधिकार: उपभोक्ता की समस्याओं और शिकायतों को सुना जाना।
गतिविधियां और कार्यक्रम
कार्यक्रम | विवरण |
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उपभोक्ता अदालतों का आयोजन | उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए विशेष अदालतें। |
जागरूकता अभियान | रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया, और पोस्टर के माध्यम से जागरूकता फैलाना। |
शैक्षिक कार्यक्रम | स्कूलों और कॉलेजों में वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन। |
सरकारी पहलें | उपभोक्ता हेल्पलाइन और पोर्टल्स का प्रचार। |
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
यह नया अधिनियम 1986 के अधिनियम को संशोधित करते हुए लाया गया। इसके प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं:
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लागू: ऑनलाइन शॉपिंग पर भी उपभोक्ता अधिकार लागू।
- भ्रामक विज्ञापनों पर नियंत्रण: झूठे विज्ञापनों के लिए सख्त दंड।
- उपभोक्ता संरक्षण परिषद: केंद्र और राज्य स्तर पर सलाहकार निकाय।
- मध्यस्थता प्रक्रिया: विवादों को तेजी से हल करने के लिए मध्यस्थता का प्रावधान।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का महत्व
- उपभोक्ताओं की शक्ति: उपभोक्ता किसी भी अर्थव्यवस्था का केंद्र हैं।
- शोषण से बचाव: यह दिन उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सतर्क करता है।
- न्याय की व्यवस्था: उपभोक्ता अदालतों के माध्यम से न्याय सुलभ बनाना।
नारा: “जागो ग्राहक जागो”
यह नारा उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हमें सिखाता है कि एक जागरूक उपभोक्ता ही अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है।
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