चाणक्य (Acharya Chanakya), जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, प्राचीन भारत के महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और रणनीतिकार थे। वे मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के प्रमुख सलाहकार थे। उनका योगदान भारतीय राजनीति, अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण था।
चाणक्य ने अपनी कृतियों में “अर्थशास्त्र” और “चाणक्य नीति” के माध्यम से राज्य संचालन, राजनीति, युद्ध और समाज के प्रबंधन के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रस्तुत किया। इन सिद्धांतों ने भारतीय राजनीति और प्रशासन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नीति और विचार आज भी कई संदर्भों में प्रासंगिक माने जाते हैं।
चाणक्य के कुछ प्रसिद्ध उद्धरणों में शामिल हैं:
- “जिसे हम अपनी कमजोरी समझते हैं, वही हमारे लिए सबसे बड़ी ताकत बन सकती है।”
- “जब तक आप किसी को हराते नहीं, तब तक उसका अपमान नहीं करना चाहिए।”
- “शरीर और मस्तिष्क का सबसे अच्छा उपयोग तब होता है जब दोनों समृद्धि के उद्देश्य के लिए काम करते हैं।”
चाणक्य का जीवन और उनके विचार आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।