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भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र नई ऊंचाईयों को छूने के लिए तैयार, रूस और अमेरिका के साथ मिलकर बनाई नई रणनीति

Last updated: December 30, 2024 10:34 pm
By The IndiaFirst Published December 30, 2024
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भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र 2024 के अंत में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि के करीब पहुंचने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 30 दिसंबर, 2024 को रात्रि 10 बजे अपने स्पेडेक्स मिशन को लॉन्च करेगा, जिसके बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास अंतरिक्ष में गतिमान दो यानों को आपस में जोड़ने की क्षमता है। इस मिशन के साथ भारत की तकनीकी क्षमता को और भी मजबूती मिलेगी, जो आने वाले समय में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।

इससे पहले, 01 जनवरी 2024 को ISRO ने एक्सपोसैट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। एक्सपोसैट एक विशेष अंतरिक्ष यान है, जो अंतरिक्ष में एक्स-रे किरणों का अध्ययन करने के लिए भेजा गया है। इसरो के इस अभियान ने भारत को दुनिया के उन देशों में शामिल कर दिया जो अंतरिक्ष में एक्स-रे किरणों का अध्ययन करने के लिए विशेष मिशन भेजते हैं। इसरो की इस उपलब्धि ने भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया है।

India's space is set to touch new heights

2024 में भारत ने जिस गति से अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति की है, वह अन्य देशों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। आने वाले वर्ष 2025 में भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में कई और महत्वपूर्ण घटनाएं घटित होने वाली हैं। इसरो इस वर्ष 36 सैटेलाइटों का प्रक्षेपण करने की तैयारी में है, जो न केवल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को नई दिशा देंगे, बल्कि दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएंगे।

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भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र अब सिर्फ राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा। इसरो ने रूस और अमेरिका के साथ मिलकर एक नई रणनीति तैयार की है, जिसके तहत संयुक्त रूप से अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम भारत के अंतरिक्ष मिशनों को वैश्विक स्तर पर और भी सशक्त बनाएगा। भारत की अंतरिक्ष नीति अब अधिक सहयोगात्मक और वैश्विक है, और इसके जरिए भारत अंतरिक्ष में अपनी भूमिका को और मजबूत करने की ओर अग्रसर है।

भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र आने वाले वर्षों में वैश्विक शक्तियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है। 2024 और 2025 के मिशन इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि भारत भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

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