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मदन मोहन मालवीय – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक।

Last updated: January 6, 2025 10:39 am
By The IndiaFirst Published January 6, 2025
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मदन मोहन मालवीय (1861–1946) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, शिक्षाविद, समाज सुधारक और एक प्रमुख सार्वजनिक व्यक्ति थे। उन्हें विशेष रूप से बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनके योगदान का भारतीय समाज और शिक्षा के क्षेत्र में गहरा प्रभाव पड़ा।

मदन मोहन मालवीय

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:

मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही ली और बाद में काशी के काशी विद्यापीठ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे और अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी, और उर्दू में निपुण थे।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान:

मालवीय जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य थे और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। मालवीय जी ने भारतीय समाज में सामाजिक और धार्मिक सुधारों के लिए भी काम किया। वे हिंदू धर्म के प्रचारक थे और उन्होंने भारतीय संस्कृति, धर्म और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना:

मदन मोहन मालवीय का सबसे बड़ा योगदान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना में था। 1916 में, उन्होंने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना बनाई थी। उनका उद्देश्य था कि भारतीय छात्रों को पश्चिमी शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और धार्मिक शिक्षा भी प्रदान की जाए। वे चाहते थे कि हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति की जड़ों के साथ छात्रों को शिक्षा मिले और वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करें।

BHU की स्थापना के लिए उन्होंने लाहौर और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों से प्रेरणा ली, लेकिन BHU का उद्देश्य भारतीय समाज की शिक्षा में एक अलग दृष्टिकोण लाना था। उनका यह सपना 1916 में पूरा हुआ, जब BHU की स्थापना हुई।

ये भी पढ़ें – दयानंद सरस्वती – आर्य समाज के संस्थापक।

अन्य योगदान:

मालवीय जी ने हिंदू महासभा का भी नेतृत्व किया और वे हिंदू धर्म के प्रचारक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने हिंदू धर्म को एक संगठित रूप में प्रस्तुत किया और समाज में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए। वे हिंदूधर्म के लिए पुनर्निर्माण अभियान में भी शामिल थे, और उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।

उनका योगदान संस्कारों और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। वे एक अच्छे वक्ता और लेखक भी थे, और उनकी लेखनी से भारतीय समाज को जागरूक करने की कई कोशिशें की गई।

सम्मान:

मदन मोहन मालवीय को उनकी शिक्षा, समाज सुधार और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए। उनकी मेहनत और दृष्टिकोण के कारण उन्हें “महात्मा” का सम्मान भी मिला। उन्हें भारत रत्न (1957) से मरणोपरांत सम्मानित किया गया।

मालवीय जी की स्थायी धरोहर उनके द्वारा स्थापित BHU के रूप में जीवित है, जो आज भी भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक प्रमुख संस्थान है।

ये भी पढ़ें – गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन परिचय,शिक्षाएं,महत्व

चंद्रशेखर आजाद – क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी।

मदन मोहन मालवीय से जुड़े प्रश्न और उत्तर:

प्रश्न 1: मदन मोहन मालवीय कौन थे?

उत्तर: मदन मोहन मालवीय एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, समाज सुधारक और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापक थे। उन्हें “महामना” के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न 2: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना कब हुई?

उत्तर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की स्थापना 1916 में मदन मोहन मालवीय ने की थी।

प्रश्न 3: BHU की स्थापना का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: BHU की स्थापना का उद्देश्य भारतीय युवाओं को भारतीय संस्कृति और धर्म के साथ आधुनिक पश्चिमी शिक्षा प्रदान करना था, ताकि वे समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।

प्रश्न 4: मदन मोहन मालवीय को किस उपाधि से सम्मानित किया गया था?

उत्तर: उन्हें “महामना” की उपाधि से सम्मानित किया गया था और मरणोपरांत 2014 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

प्रश्न 5: मदन मोहन मालवीय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कितनी बार बने?

उत्तर: वे चार बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने (1909, 1918, 1932 और 1933)।

प्रश्न 6: मालवीय जी ने स्वतंत्रता संग्राम में क्या भूमिका निभाई?

उत्तर: उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लिया और सत्याग्रह, स्वदेशी आंदोलन और सामाजिक सुधारों के माध्यम से ब्रिटिश शासन का विरोध किया।

प्रश्न 7: मदन मोहन मालवीय की शिक्षा के क्षेत्र में अन्य योगदान क्या थे?

उत्तर: BHU की स्थापना के अलावा, उन्होंने शिक्षा में भारतीय परंपराओं और संस्कारों को जोड़ने का प्रयास किया। वे छात्रों को शिक्षित और नैतिक रूप से सक्षम बनाना चाहते थे।

प्रश्न 8: मदन मोहन मालवीय का जन्म और मृत्यु कब हुई?

उत्तर: उनका जन्म 25 दिसंबर 1861 को हुआ और 12 नवंबर 1946 को उनका निधन हो गया।

प्रश्न 9: मालवीय जी का समाज सुधार में क्या योगदान था?

उत्तर: उन्होंने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों का विरोध किया और शिक्षा और जाति व्यवस्था में सुधार के लिए प्रयास किए। साथ ही, उन्होंने अछूतों के उत्थान के लिए भी काम किया।

प्रश्न 10: BHU के लिए धन जुटाने के लिए मदन मोहन मालवीय ने क्या किया?

उत्तर: उन्होंने व्यक्तिगत रूप से देशभर में घूमकर धन जुटाया और कई रियासतों, व्यवसायियों और आम जनता से आर्थिक मदद प्राप्त की।

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