By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
IndiaFirst
Wednesday, 25 Jun, 2025
  • होम
  • देश
  • दुनिया
  • राजनीति
  • शिक्षा
  • जूडिशरी
  • बिजनेस
Notification
IndiaFirst
Notification
Search
  • होम
Have an existing account? Sign In
Follow US
© The IndiaFirst. All Rights Reserved.

आज का दिन – 24 दिसंबर को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 हाईजैक कि घटना समझे विस्तार से

Last updated: December 29, 2024 11:59 am
By The IndiaFirst Published December 24, 2024
Share
SHARE

इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को हाईजैक किए जाने की घटना 24 दिसंबर 1999 को हुई थी। यह एक प्रमुख घटना थी जिसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया। इस घटना का पूरा विवरण निचे दिया गया है:

घटना विवरणजानकारी
फ्लाइट नंबरIC-814
एयरलाइनइंडियन एयरलाइंस
उड़ान मार्गकाठमांडू (नेपाल) से दिल्ली (भारत)
हाईजैक की तारीख24 दिसंबर 1999
हाईजैकर्स की संख्या5 (पाकिस्तानी आतंकवादी)
यात्रियों की संख्या176 यात्री और 15 क्रू सदस्य
हाईजैक की जगहभारतीय हवाई क्षेत्र
हाईजैक के उद्देश्यआतंकवादियों की मांग थी कि भारत जेल में बंद जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के 3 आतंकवादियों को रिहा करे।
फ्लाइट की मंज़िलेंहाईजैक के बाद फ्लाइट को अमृतसर, लाहौर (पाकिस्तान), दुबई (यूएई), और अंततः कांधार (अफगानिस्तान) ले जाया गया।
समाप्ति स्थानकांधार (तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान का हिस्सा)
समस्या का समाधानभारत सरकार ने 31 दिसंबर 1999 को तीन आतंकवादियों को रिहा किया।
मृत्युएक यात्री (रिपिन कात्याल) की हत्या कर दी गई।
समाप्ति की तारीख31 दिसंबर 1999

मुख्य बिंदु:

इंडियन एयरलाइंस हाईजैक
  1. दबावपूर्ण वार्ता: भारत सरकार और आतंकवादियों के बीच कई दिनों तक वार्ता चली।
  2. तालिबान की भूमिका: हाईजैक किए गए विमान को तालिबान नियंत्रित क्षेत्र में ले जाया गया, और तालिबान ने इस संकट में मध्यस्थता की।
  3. आतंकवादियों की रिहाई: मसूद अज़हर, अहमद ज़गर, और मुश्ताक अहमद जरगर को रिहा किया गया।

यह घटना भारतीय इतिहास की सबसे गंभीर हाईजैक घटनाओं में से एक मानी जाती है। इसने आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की सुरक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाला।

हाईजैक की घटना विस्तार से

इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के हाईजैक की घटना को समझने के लिए इसे चरणबद्ध तरीके से विस्तार से बताते हैं:

घटना का समय और पृष्ठभूमि

  1. तारीख और समय:
    24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814, जो काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली (भारत) के लिए उड़ान भर रही थी, हाईजैक कर ली गई।
  2. यात्रियों की संख्या:
    विमान में 176 यात्री और 15 क्रू सदस्य थे।
  3. हाईजैकर्स:
    पांच हथियारबंद आतंकवादी विमान में सवार हुए। उनके पास चाकू और हथियार थे, जिन्हें उन्होंने नेपाल में सुरक्षा जांच की कमजोरियों का लाभ उठाकर छिपाया था।

हाईजैक की प्रक्रिया

  1. अमृतसर (भारत):
    हाईजैकर्स ने विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में अपने नियंत्रण में लिया। विमान को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के लिए मजबूर किया गया।
    • भारतीय अधिकारियों की दुविधा:
      आतंकवादियों की मांगों और यात्रियों की सुरक्षा के बीच फंसे भारतीय अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की।
      • विमान ने उड़ान भरी:
        आतंकवादियों ने देखा कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, इसलिए उन्होंने विमान को पाकिस्तान के लाहौर के लिए रवाना कर दिया।
  2. लाहौर (पाकिस्तान):
    पाकिस्तान ने शुरुआत में विमान को उतरने की अनुमति नहीं दी, लेकिन ईंधन की कमी के कारण इसे उतरने दिया गया।
    • विमान को रिफ्यूलिंग के बाद दुबई की ओर भेजा गया।
  3. दुबई (यूएई):
    दुबई में विमान को उतरने दिया गया।
    • रिहाई:
      एक महिला और बच्चे सहित 27 यात्रियों को रिहा कर दिया गया।
    • हाईजैकर्स ने दुबई से विमान को कांधार (अफगानिस्तान) ले जाने का निर्देश दिया।
  4. कांधार (अफगानिस्तान):
    विमान को तालिबान नियंत्रित कांधार हवाई अड्डे पर उतारा गया।
    • तालिबान की भूमिका:
      तालिबान ने इस घटना में मध्यस्थता का दावा किया। हालांकि, तालिबान ने आतंकवादियों को पकड़ने या उनके खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।

आतंकवादियों की मांगें

  1. भारत में कैद तीन कुख्यात आतंकवादियों को रिहा करना:
    • मौलाना मसूद अज़हर: जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक।
    • मुश्ताक अहमद जरगर: हरकत-उल-मुजाहिद्दीन का सदस्य।
    • अहमद उमर सईद शेख: भविष्य में पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या में शामिल।
  2. मोटी फिरौती और अपने सुरक्षित निकलने की गारंटी।

भारत सरकार की प्रतिक्रिया

  • संकट प्रबंधन टीम (Crisis Management Team):
    भारत सरकार ने तत्काल एक टीम गठित की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), वरिष्ठ अधिकारी, और मंत्रिमंडल के सदस्य शामिल थे।
  • दबाव और बातचीत:
    यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आतंकवादियों की मांग मान ली।
  • रिहाई:
    31 दिसंबर 1999 को तीन आतंकवादियों को कंधार में रिहा कर दिया गया।

मृत्यु और हिंसा

  • यात्री की हत्या:
    25 दिसंबर को, आतंकवादियों ने यात्री रिपिन कात्याल की चाकू मारकर हत्या कर दी।
  • उनकी हत्या ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया और स्थिति को अधिक संवेदनशील बना दिया।

प्रभाव और परिणाम

  1. मौलाना मसूद अज़हर की रिहाई:
    वह बाद में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन का संस्थापक बना, जो भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
  2. राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर:
    इस घटना ने भारत को सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और आतंकवाद से निपटने की नीतियों में सुधार करने पर मजबूर किया।
  3. कूटनीतिक तनाव:
    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ा, क्योंकि आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था।

समाप्ति और सबक

यह घटना भारतीय विमानन सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी नीतियों में मील का पत्थर मानी जाती है।

  • सुरक्षा में सुधार:
    भारत ने हवाई अड्डों पर सुरक्षा कड़ी की और विशेष कमांडो बल (NSG) को ऐसे संकटों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया।
  • कूटनीतिक संबंध:
    पाकिस्तान और तालिबान के साथ भारत के संबंध और अधिक जटिल हो गए।

निष्कर्ष

फ्लाइट IC-814 का हाईजैक भारतीय इतिहास में सबसे संवेदनशील और विवादास्पद घटनाओं में से एक है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कठिन निर्णय लेने पड़े, लेकिन इस घटना के परिणामस्वरूप भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नए सिरे से तैयारी करनी पड़ी।

Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जरुर पढ़ें

आईपीएस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह बने बैंगलोर के पुलिस कमिश्नर,समाजसेवी कैलाश सिंह ने दी बधाई।

विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरणविद ने वन वृक्षों पर राखियां बंधे।

डॉ॰ कौशल ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष को पौधा भेंट कर किया सम्मान

डॉ कौशल ने भगवान बुद्ध के सम्मान में उनके जन्मस्थली, ज्ञानस्थली, उपदेश स्थल व समाधि स्थल पर किया है पौधरोपण

न्यू प्राथमिक विद्यालय कोकरो में शिक्षक एवं चावल आवंटन की मांग: संजय यादव (शिक्षक)

IndiaFirst

IndiaFirst acknowledges the Traditional Owners and Custodians of Country across India and their relationship to land, water and community. We honour First Nations cultures by giving voice to social justice, acknowledging our shared history and respecting them.

  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Correction Policies
  • Advertise with us
  • English
  • हिन्दी
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?